जिसके पास 2 सौ दिरहम की किताबें हो तो कुर्बानी का क्या हुक्म है

 


सवाल

अस्सालामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू क्या फरमाते है उलेमा ए एकराम व मुफ्तीयान एज़ाम इस मसले के बारे में कि अगर किसी के पास 2 सौ दिरहम (यानी सडहे बावन तोले की चांदी) की कीमत का कुरआन या किताबें है तो क्या उस कुर्बानी वाज़िब होगी बराए करम जवाब इनायत फरमाए एैन नवाजिश होगी फक़्त वस्सालाम


साइल मोहम्मद ताबिश रज़ा बिंदकी जिला फतेहपुर यू पी


अल जवाब बिऔनिल मुल्किल अल वहाब

किसी के पास दो सौ दिरहम की मिल्कियत का मुश्हफ शरीफ (कुरआन मज़ीद) है अगर वो उसे देख कर तिलावत कर सकता है तो उस पर कुर्बानी वाज़िब नहीं है चाहे उस मे तिलावत करता हो या न करता हो क्योंकि वह उसकी हाजते अस्लिया से है और अगर अच्छी तरह से देख कर तिलावत न कर सकता हो तो कुर्बानी वाज़िब है किताबों का भी यही हुक्म है कि उसके काम की है तो कुर्बानी वाज़िब नहीं वर्ना है

(ब हवाला फतवा हिंदिया ज़िल्द 05/ सफ्ह नः 291/292)


वल्लाह व आलमु बिस्सावाब


✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

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