बटाई मे जानवरों को देना कैसा है

 


✎सुवाल

➤मैंने अपनी बकरी को बटाई पर इस तरह दिया कि अगर दो बच्चे होंगे तो एक तुम्हारा है और दूसरा हमारा है दरयाफ़्त तलब अम्र ये है कि बटाई पर बकरी देना कैसा है और बटाई की बकरी के बच्चे की कुर्बानी जाइज़ है या नहीं? मैंने उसकी क़ुरबानी कराई है तो ये क़ुरबानी जाइज़ हुई या नहीं ? 


✎जवाब

➤फ़िक़्ह हनफ़ी की मशहूर किताब *बहारे शरीयत जिल्द 4 सफ़ह 2219 में है कुछ लोग बकरी बटाई पर देते हैं कि जो कुछ बच्चे पैदा होंगे दोनों आधा आधा लेंगे ये इजारा भी फ़ासिद है बच्चे उसके हैं जिसकी बकरी है दूसरे को उसके काम की उजरत मिलेगी मज़कूरा हवाले से ज़ाहिर हो गया कि बटाई पर बकरी देना जाइज़ नहीं और अगर अपनी बकरी किसी दूसरे को चराने और देखभाल करने के लिए देना ही चाहता है तो उसकी उजरत मुक़र्रर कर दे बकरी चराने वाला बकरी के बच्चे में हिस्सा दार नहीं हो सकता क्योंकि वो बकरी का मालिक नहीं और रहा बटाई की बकरी के बच्चे की कुर्बानी करना तो वो दुरुस्त है आपकी क़ुरबानी हो गयी क्योंकि बकरी के बच्चे के आप मालिक हैं हाँ क़ुरबानी सही होने के लिए शर्त ये है कि वो साल भर का हो चुका हो 


📚फ़तावा फैज़ुर्रसूल जिल्द 2 सफ़ह 455

✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

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