कोरोना से मरने वालों को शहीद कहना कैसा?

 



सवाल


क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम इस मसले में की एक आले रसूल की मैयत हो गई कोरोना वायरस की वजह से क्या उसे शहीद कह सकते हैं और उनको रहमतुल्लाही तआला लिख सकते हैं जवाब इनायत फरमाएं मेहरबानी होगी ❓


साईल मौलाना अबुल हसन (आनंद गुजरात)



जवाब 


कोरोना एक वबाई अमराज़ में से है और जो शख्स वबाई अमराज़ की वजह से इंतक़ाल किया वह शहीद हुकमी है इसके लिए हदीस शरीफ की मशहूर किताब ⤵️


📚سنن ابن ماجہ باب ماجاء فی العبد علی المصیبةج ٢ ص٢٦٦


में हदीस शरीफ है जिसमें 7 अक़्साम से मौत होने की सूरत में शहीद होने का हुक्म दिया गया है उसमें सबसे पहले जिसका ज़िक्र है वह ताउन के मर्ज़ में जो इंतक़ाल करें उसके लिए शहीद होने की खुशखबरी है हम तमाम अफराद जानते हैं कि कोरोना एक ताउन है इसलिए उसकी वजह से जिन मोमिनीन का इंतक़ाल होता है वह शहिद हुकमी हैं उन्हें शहीद का सवाब मिलेगा मगर उन्हें गुस्ल व कफन शरई भी देंगे


वह आले रसूल हैं जैसा कि सवाल में ज़िक्र है अगर सुन्नी सहीहुल अक़िदा के साथ नेक व सालेह थे नमाज़ पंजगाना के पाबंद थे हैं तो उन्हें रहमतुल्लाही अलैह कहने में कोई हर्ज नहीं है


والله اعلم بالصواب


✍🏻 अज़ क़लम हज़रत मुफ्ती मोहम्मद रज़ा अमजदी साहब किबला मद्दज़िल आली वन्नूरानी (दारुल उलूम रज़विया बड़ा बरियारपुर मोतिहारी मशरक़ी चंपारण बिहार) साकिन (हरपुरवा बाजपट्टी सीतामढ़ी बिहार)



✍🏻 हिंदी ट्रांसलेट मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)

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