लुक्मा किन अल्फ़ाज़ के साथ देना चाहिये ?


 सुवाल लुक्मा किन अल्फ़ाज़ के साथ देना चाहिये ?

जवाब जब इमाम कुरआन भूले तो जो भूला है वोह बताए, बेहतर येह है कि जहां से भूला है उस के पीछे की आयत बताए फिर वोह आयत जो येह भूला है जैसा कि फ़तावा तातार ख़ानिया में है

तरजमा  फ़्तावा हिज्जा में है औला येह है कि जब अपने इमाम को लुक्मा दे तो पहले मा कब्ल की(पहले वाली) आयत पढ़े फिर बाद वाली को मिलाए ताकि हत्तल इम्कान उस का लुक्मा देना तालीम व तअल्लुम के मुशाबेह न हो लेकिन इस तरह करना यानी मा कब्ल की आयत से लुक्मा देना लाज़िम नहीं। यानी जो भूला है सिर्फ वोह बता दी तब भी दुरुस्त है

(फतावा तातार खानीया ज़िल्द 1 स. 581)

अगर इमाम सूरह में से कुछ पढ़ते पढ़ते भूल गया आगे याद नहीं आता तो येह भी जाइज़ है कि किसी और सूरह का लुक्मा दे दिया जाए चुनान्चे मुहीते बुरहानी में है

तरजमा हज़रते उमर फारूके आज़म रज़ियल्लाहु अलैहि नमाज़ पढ़ा रहे थे आप ने सूरए नज्म पढ़ी इसी दौरान आयते सज्दा पर सज्दा कर के जब क़ियाम की तरफ़ लौटे तो आप भूल गए किसी ने اِذَا زُلْزِلَتِ الْاَرْضُ का लुक़्मा दिया पस आप ने येही आयत पढ़ी और इस पर किसी सहाबी ने भी इन्कार न किया

(मुहीते बुरहानी जि.12 स.154 इदारतुल क़ुरआन करांची)

जब इन्तिकाले रुक्न यानी एक रुक्न से दूसरे रुक्न की तरफ़ आने में सह्व(भूल) हो तो बेहतर येह है कि तस्बीह के ज़रीए लुक़्मा दे तक्बीर कही तो येह भी जाइज़ है चुनान्चे तातार ख़ानिया में है

المصلی اذا كبر بنية أن يعلم غيره أنه في الصلاة لا تفسد صلاته  الاولى التسبيح لقوله صلى الله عليه و سلم "التسبيح للرجال و التصفيق للنساء

फ़्तावा अम्जदिय्या में है मुक्तदी को ऐसे मौक़ा पर (जब इमाम इन्तिकाले रुक्न में भूल जाए) जब कि इमाम को मु-तवज्जेह करना हो سُبْحَانَ اللّٰه या اَللّٰهُ اَكْبَر कहे जिस से इमाम को ख़याल हो जाए और नमाज़ को दुरुस्त कर ले 

सहीह बुख़ारी शरीफ़ वगैरा में हदीस है

तरजमा मैं देखता हूं कि जब कोई नमाज़ में भूलता है तो तुम में से अक्सर हाथ पर हाथ मार कर उसे मुतवज्जेह करते हो पस अगर कोई नमाज़ में भूले तो तस्बीह कहो कि जब कोई तस्बीह कहेगा तो इमाम लौट आएगा और तस्फीक यानी हाथ पर हाथ मारना तो सिर्फ औरतों के लिये है

(फतावा अमजदया स. 187 ज़िल्द अव्वल मक्तबए र-जूविय्या कराची)

📚 नमाज़ में लुक़्मा देने के मसाइल, स. 31, 32

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

Post a Comment

और नया पुराने