वहाबी देवबंदी से अपने बच्चों को तालीम दिलवाना कैसा है


सवाल- वहाबी, देवबंदी, नदवी, मौलवियों से अपने लड़कों और लड़कियों को तालीम दिलवाना कैसा है

अल जवाब वहाबी, देवबंदी, नदवी मौलवियों से अपनी औरतों, लड़कों और लड़कियो को पढ़ाना सख़्त नाजाइज़ व हराम है

इसलिए के मौलवी अशरफ अली थानवी, क़ासिम नानोतवी, रशीद अहमद गंगोही और ख़लील अहमद अम्बेठवी के कुफ़रीयाते क़तईय्या मन्दरजा हिफ़ज़ुल ईमान सफ़ह 8) तहज़ीरुन्नास सफ़ह 3/14/28 और बराहीने क़ातिअ सफ़ह 15, की बुनियाद पर मक्का मुअज़्ज़मा, मदीना मुनव्वरा हिंदुस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, और बर्मा वगैरह के सैकड़ों उल्मा ए किराम व मुफ़्तियाने इज़ाम ने उनके मज़कूरा बाला मौलवियों के काफ़िर व मुर्तद होने का फ़तवा सादिर फ़रमाया है

من شك فى كفره وعذابه فقد كفر

यानी जो उनके कुफ़्र व अज़ाब में शक करे वह भी काफ़िर है, जिसकी तफ़सील फ़तावा हुसामुल हरमैन, और अस्सवारिमुल हिंदीया में है

और नदवीयत यह वहाबियत की एक साख़ हैं और नदवी मज़कूरा मौलवियों को अपना पेशवा मानते हैं इसलिए वह भी काफ़िर व मुर्तद हैं

और हदीस शरीफ़ में है

के जब तुम किसी बदमज़हब को देखो तो उसके सामने तुर्श रुई से (यानी सख़्ती से) पेश आओ इसलिए ख़ुदा ए तआला हर बदमज़हब को दुश्मन रखता है, और जब तुम अपने बच्चों और बच्चियों को पढ़ने के लिए उनके पास भेजोगे तो अपने मज़हब के मुताबिक़ उन्हें बताएगा और उनको गुमराह और बदअक़ीदा कर देगा, इसलिए ख़ुद भी उनसे दूर रहो और अपने अहले ख़ाना को भी उनसे दूर रखो

अल्लाह तआला फ़रमाता है

तर्जमा----- ए ईमान वालों, अपनी जानों और अपने घर वालों को जहन्नम की आग से बचाओ

📚 पारा 28, अत्तहरीम, आयत 6)

और हदीसे पाक में है

बदमज़हबों से दूर रहो, और उनको अपने से दूर रखो, कहीं वह तुम्हें गुमराह ना कर दें कहीं वह तुम्हें फ़ित्ना में ना डाल दें

📗 मुस्लिम शरीफ़ जिल्द 1, सफ़ह 10)

और आला हजरत मुजद्दिदे दीनो मिल्लत इमामे इश्क़ो मुहब्बत फाज़िले बरेलवी अश्शाह इमाम अहमद रज़ा ख़ान कादरी बरकाती अलैहिर्रहमतू वर्रिज़वान वहाबियों से अपने लड़कों को तालीम दिलवाने के मुताल्लिक़ एक इसतिफ़्ता के जवाब में फ़रमाते हैं

हराम हराम हराम और जो ऐसा करे बद ख़्वाह अत़फाल व मुबतलाए आसाम

📗 फ़तावा रज़वियह है 9. सफ़ह 207)

लिहाज़ा मालूम हुआ के वहाबी, देवबंदी, नदवी मौलवी से बच्चों को तालीम दिलवाना हराम हराम हराम सख्त हराम और गुनाहे अज़ीम है, और जो दिलवाए वह भी गुनाहगार और शदीद मुबतलाए आसाम है

📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह.118---119)

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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