रोज़े के मकरूहात का बयान


रोज़ा के मकरूहात👇

सवाल किन चीजों से रोज़ा मकरूह हो जाता है

जवाब झूट, गीबत, चुगली, गाली देने, बेहूदा बात करने और किसी को तकलीफ़ देने से रोज़ा मकरूह हो जाता है

📚 बहारे शरीअत


सवाल क्या रोज़ादार को कुल्ली करने के लिए मुंह भर पानी लेना मकरूह है ?

जवाब हां रोज़ादार को कुल्ली करने के लिए मुंह भर पानी लेना मकरूह है 

सवाल क्या रोज़ा की हालत में खुश्बू सूंघना, तेल मालिश करना और सुर्मा लगाना मकरूह है ?

जवाब नहीं रोज़ा की हालत में खुश्बू सूंघना, तेल मालिश करना और सुर्मा लगाना मकरूह नहीं है। मगर मर्दो को ज़ीनत के लिए सुर्मा लगाना हमेशा मकरूह है और रोज़ा की हालत में बदरजए औला (ज़रूर) मकरूह है

📚 बहारे शरीअत 📚 दुर्रे मुख़्तार

सवाल क्या रोज़ा में मिसवाक करना मकरूह है ?

जवाब नहीं, रोज़ा में मिसवाक करना मकरूह नहीं बल्के जैसे और दिनों में मिसवाक करना सुन्नत है वैसे ही रोज़ा में भी मिसवाक करना मसनून है। चाहे मिसवाक खुश्क हो या तर (गीली) और ज़वाल से पहले करे या बाद में किसी वक़्त मकरूह नहीं 

📚 बहारे शरीअत, वगैरह📗अनवारे शरीअत सफ़ह 130)

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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