हाथ उठा कर या सिर्फ़ इशारे से सलाम का जवाब देना


हाथ उठा कर या सिर्फ़ इशारे से सलाम का जवाब देना

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सलाम करने या सलाम का जवाब देने में आजकल सिर्फ इशारा कर देना या हाथ उठा देना या थोड़ा सा सर हिला देना काफ़ी राइज हो गया है । हालांकि इस तरह सलाम की सुन्नत अदा नहीं होती और अगर किसी ने सलाम किया और उसके जवाब में सिर्फ यही किया मुँह से वअलैकुमुस्सलाम न कहा तो गुनाहगार भी हुआ

आलाहज़रत फ़रमाते हैं बन्दगी आदाब, तसलीमात वगैरा अल्फ़ाज़ सलाम से नहीं और सिर्फ हाथ उठा देना काफ़ी नहीं जब तक उसके साथ कोई लफ़्ज़ सलाम का न हो

📚(फतावा रज़विया , जिल्द १० , निरफे अव्वल , सफ़हा १६८)

✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

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