जा़निया हामला से निकाह करना कैसा है



जिस औरत के ज़िना (ना'जाइज़ ताअल्लुक़ात) का हमल हो, उस से निकाह का मसअला 

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 ज़ानिया हामिला (यानि वो औरत जिसने किसी ऐसे मर्द से शारीरिक सम्बन्ध बनाये जो उसका शौहर ना हो और वो गर्भवती हो गयी तो उस औरत) से निकाह को कुछ लोग ना'जायज़ समझते हैं हालांकि वह जायज़ है। ज़िना इस्लाम में बहुत बड़ा गुनाह है और इसकी सज़ा बहुत सख्त है, लेकिन अगर किसी औरत से ज़िनाकारी सरज़द हुई, उससे निकाह किया जाए तो निकाह सही हो जाएगा चाहे ज़िना से हामिला (गर्भवती) हो गई हो जबकि वह औरत शौहर वाली ना हो, और निकाह अगर उसी शख्स से हो जिसका वह हमल (गर्भ) है तो निकाह के बाद वह दोनों साथ-साथ रह सकते हैं सोहबत और हमबिस्तरी भी कर सकते हैं। और किसी दूसरे से निकाह हो तो जब तक बच्चा पैदा ना हो जाए दोनों को अलग रखा जाए और उनके लिए हमबिस्तरी जायज़ नहीं इमामे अहले सुन्नत सैयदी आला'हज़रत फरमाते हैं जो औरत (मआज़'अल्लाह) ज़िना से हामिला हो, उससे निकाह सही है चाहे उस ज़ानी से हो या ग़ैर से फ़र्क़ सिर्फ़ इतना है, अगर ज़ानी (वो शख्स जिसने ये काम किया उस) से निकाह हो तो वह निकाह के बाद उससे क़ुर्बत भी कर सकता है और ग़ैर ज़ानी से हो तो तावज़ ए हमल क़ुर्बत ना करे (यानि जब तक बच्चा न हो जाये या वो हमल गिर न जाये तब तक क़रीब न जाये)

📖 (फ़तावा रज़विया, जिल्द 5, सफ़्हा नंबर 199, फ़तावा अफ्रीक़ा, सफ़्हा 15)

📚 (ग़लत फहमियां और उनकी इस्लाह, सफ़्हा न. 79,80)

✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

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