धोबी के यहाँ खाना खानाजाइज़ है या नहीं

 


सवाल: धोबी के यहाँ गेयारहवीं शरीफ का खाना जाइज़ है या नहीं और फाहिशा (बदकार औरत) के यहाँ खाने और और उससे क़ुरआने अज़ीम तिलावत करने की तनख्वाह लेने का क्या हुक्म है ? 


 जवाब: धोबी के यहां खाने में कोई हर्ज नहीं ये जो जाहिलों में मश्हूर है कि धोबी के यहां का खाना जाइज़ नहीं महज़ बातिल है हाँ फाहिशा के यहां खाना जाइज़ नहीं अगर वो तन्ख्वाह उस नापाक आमदनी से दे तो वो भी हरामे क़तई,और अगर उसके हाथ कोई चीज़ बेची हो और वह अपने उसी माल से दे उसका लेना क़तई हराम अलबत्ता अगर क़र्ज़ लेकर क़ीमत दे तो जाइज़ है 

📕अल मलफूज़ हिस्सा 1 सफ़ह 9

✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

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