नमाज़े जनाज़ा में तकबीर के वक़्त आसमान की तरफ मुँह उठाना

 

नमाज़े जनाज़ा में तकबीर के वक़्त आसमान की तरफ मुँह उठाना❓

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आजकल काफी लोग ऐसा करते हुए देखे गए हैं कि जब नमाज़े जनाज़ा में तकबीर कही जाती है तो हर तकबीर के वक़्त ऊपर की जानिब मुँह उठाते हैं हालाकिं इसकी कोई अस्ल नही बल्कि नमाज में आसमानकी तरफ़ मुह उठाना मकरूहे तहरीमी है l (बहारे शरीअत) और हदीस शरीफ में है रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया क्या हाल है उन लोगों का जो नमाज़ में आसमान की तरफ आँखे उठाते हैं इससे बाज़ रहें या उनकी आँखें उचक ली जायेगी

📗(मिश्कात ब हवाला सहीह मुस्लिम सफ़हा 90)

खुलासा यह कि नमाज़े जनाज़ा हो या कोई और नमाज़ कसदन आसमान की तरफ नज़र उठाना मकरुह है और नमाज़े जनाज़ा मे तकबीर वक़्त ऊपर को नज़र उठाने का जो रिवाज़ पड़ गया है यह गलत है बे अस्ल है 

📚 (ग़लत फेहमियां और उनकी इस्लाह, सफ़्हा न. 54)

✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

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