क्या औरतों को हिजड़ों से पर्दा करना लाज़िम है


सवाल-- क्या औरतों को हिजड़ों से पर्दा करना लाज़िम है

अल जवाब औरतों को मुख़न्नसों, हिजड़ों से पर्दा करना लाज़िम है क्योंकि उन से पर्दा करना ऐसे ही है जैसे कि मर्दों से और इसलिए भी के यह बदकार हैं और मर्द भी हैं चुनाचे एक हिजड़े को नबी करीम सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ने घर से बाहर निकाल दिया था

जैसा के हदीसे पाक में है हजरत उम्मे सलमा रज़िअल्लाहू तआला अन्हा रिवायत करती हैं कि नबी पाक सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम उन दिनों आपके पास थे

 وفى البيت مخنث

और घर में एक मुख़न्नस (हिजड़ा) था तो अब्दुल्लाह बिन अबी उमैया जो के उम्मे सलमा के भाई हैं, उनसे कहता है कि अगर तुमको अल्लाह तआला ने ताइफ़ में फ़तेह दी तो मैं तुमको ग़ीलान की ऐसी लड़कियां दिखाऊंगा जो चार से आती हैं और आठ से जाती हैं

فقال النبى صلى الله تعالى عليه و سلم لا يدخلن هوء لاء عليكم

तो आप सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ने फ़रमाया कि यह तुम्हारे पास दाखिल ना होने पाए 📚 मिश्कातुल मुसाबिह सफ़ह 270)

और फ़तावा आलमगीरी में है

नेक बीवी को चाहिए के बदकार औरत को अपनी तरफ़ नजर ना करने दे, तो जब बदकार औरत से पर्दा का हुक्म है, हालांके औरत का औरत को देखना बनिस्बत मर्द के देखने के उख़फ़ है, और हिजड़े, मुख़न्नस यह तो बदकार भी हैं, और मर्द भी हैं इसलिए इसमें उससे ज़्यादा सख़्त हुक्म होगा

और हुज़ूर सदरूश्शरिअह अलैहिर्रहमह फ़रमाते हैं

हिजड़ों और मुख़न्नसों से भी औरत को पर्दा करना वैसा ही है जैसे और मर्दों से कराया जाता है

📚 फ़तावा अमजदियह जिल्द 4, सफ़ह 95)

📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह 78--79)

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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