सलाम से पहले कलाम (यानी बात करना) कैसा है


सवाल  सलाम से पहले कलाम (यानी बात करना) कैसा है,

अल जवाब  जब एक मुसलमान दूसरे मुसलमान भाई से मिले तो चाहिए के पहले सलाम करे सलाम से पहले कलाम (यानी बात) नहीं करना चाहिए

हदीसे पाक में है हजरत जाबिर रज़िअल्लाहू तआला अन्ह कहते हैं कि नबी पाक सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ने फ़रमाया

السلام قبل الكلام

सलाम कलाम (यानी बात करना) से पहले करना चाहिए

📚 तिर्मिज़ी, जिल्द 04 सफ़ह  नः 321)

और आक़ा सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ने फ़रमाया

البادي بالسلام بري من الكسر

सलाम में पहले करने वाला गुरूर व तकब्बुर से पाक है

इस हदीस पाक को हज़रत जाबिर रज़िअल्लाहू तआला अन्ह ही ने रिवायत की है

📚 शुएबुल ईमान, जिल्द 6, सफ़ह 433)

📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह.114--115)

अज़ क़लम 🌹 खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

Post a Comment

और नया पुराने