कौनसी चीज़ें हादिस हैं और कौनसी क़दीम


कौनसी चीज़ें हादिस हैं और कौनसी क़दीम

अक़ीदा ज़ात व सिफ़ात इलाही के अलावा जितनी चीज़ें हैं सब हादिस हैं यानी पहले न थीं फिर मौजूद हुईं

अक़ीदा सिफ़ाते इलाही को मख़लूक़ कहना या हादिस बताना गुमराही व बद'दीनी है

अक़ीदा जो शख़्स अल्लाह तआला की ज़ात व सिफ़ात के अलावा किसी और चीज़ को क़दीम माने या आलम को हादिस होने में शक करे वह काफ़िर है

अक़ीदा जिस तरह अल्लाह तआला आलम और आलम की हर चीज़ का ख़ालिक़ है उसी तरह हमारे आमाल व अफ़'आल का भी वही ख़ालिक़ है

अक़ीदा - (अल्लाह तआला का इल्म व इरादा): कोई चीज़ अल्लाह तआला के इल्म से बाहर नहीं।

मौजूद हो या मा'दूम (ग़ायब, लुप्त)

मुमकिन हो या मुहाल (नामुमकिन, असंभव)

कुल्ली हो या जुज़'ई सबको अज़ल में जानता था और अब जानता है और अबद तक जानेगा।

चीज़ें बदलती हैं लेकिन उसका इल्म नहीं बदलता। दिलों के ख़तरों और वसवसों की उसको ख़बर है , उसके इल्म की कोई इंतहा नहीं

अक़ीदा -( ख़ुदा तआला की क़ुदरत)

अल्लाह तआला हर मुमकिन पर क़ादिर है कोई मुमकिन उसकी क़ुदरत से बाहर नहीं और मुहाल तहते क़ुदरत नहीं। मुहाल पर क़ुदरत मानना उलूहियत का इंकार करना है

(क़ानूने शरीअत सफह नः 18_19)

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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